सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत के राज़ के साथ ही जगमगाती बॉलीवूड इंडस्ट्री का काला सच भी सामने आता जा रहा है। दूर से खूबसूरत सी दिखने वाली इस फिल्मी दुनिया में कितना डिप्रेशन यानी अवसाद छुपा है ये तो आपको धीरे-धीरे ही पता चलेगा पर एक बात जो सामने आई है वो है की फिल्मी दुनिया में ड्रग्स का बहुत बोलबाला है। ऐसा लगता है यहां हर छोटा बड़ा कलाकार कभी ना कभी किसी ना किसी प्रकार के नशे मे उलझता जरूर है। (Murder Mystery of Sushant Singh Rajput, Drugs In Sushant Singh Rajput Case, Rhea Chakravarty Was Giving Drugs To Sushant, Why Bollywood Stars Take Drugs)
आज हम इस नशे की लत की वजह और इससे निकलने के कारणों को जानेंगे, मतिभ्रम, व्यामोह, अवसाद और मन पर नियंत्रण खोना, अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की कथित चैट में उल्लिखित दवाओं के कुछ प्रभाव हैं, जो उनके दिवंगत प्रेमी, अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में एक नया मोड़ जोड़ता है।
अब यहां सोचने वाली बात ये है की देखने में फिट और जिम जाने का शौकीन व्यक्ति आखिर नशे के जाल में कैसे उलझ गया और अगर उलझा तो वक्त रहते अपने आप को वो इस जाल से निकाल क्यों नहीं पाया।
इसके लिए पहले ये जानना जरूरी है की ड्रग्स काम कैसे करती है - (How Does Drugs Effect Your Mind And Body)
ड्रग्स या किसी भी अन्य प्रकार का नशा सबसे पहले आपके दिमाग पर अपना नियंत्रण बनाता है आपके दिमाग में न्यूरोट्रांसमीटर के माध्यम से न्यूरॉन्स को भेजने, प्राप्त करने और संकेतों को संसाधित करने के तरीके में हस्तक्षेप करता हैं। कुछ नशे के लिए इस्तेमाल की जाने वाली चीजें जैसे कि चरस, गांजा, मारिजुआना और हेरोइन, न्यूरॉन्स को सक्रिय कर सकती हैं क्योंकि उनकी रासायनिक संरचना शरीर में प्राकृतिक न्यूरोट्रांसमीटर की नकल करती है। ये चीजें न्यूरॉन्स को प्रभावित कर उसे सक्रिय करने की अनुमति देती है। हालाकी ये नशा करने वाली चीजें दिमाग में पैदा होने वाले रसायनों की नकल तो करती हैं, लेकिन ये न्यूरॉन्स को एक प्राकृतिक न्यूरोट्रांसमीटर के समान सक्रिय नहीं करती हैं, और इसकी वजह से आपके दिमाग के नेटवर्क के माध्यम से भेजे जाने वाले संदेशों में असामन्ता आना शूरू हो जाती हैं। सरल भाषा में बोले तो आपको नशे में रहने पर ही खूशी का अहसास होता है और आपकी सारी दुनिया नशे के ईर्द-गिर्द घूमना शुरू कर देती है।
नशा करने पर शरीर में प्राकृतिक रूप से पैदा होने वाले ओपिओइड (एंडोर्फिन) और बेसुरिया गैन्ग्लिया (अच्छा महसूस कराने वाल सर्किट) की सक्रियता बढ़ जाती है। जिससे आपको पलेज़र यानी खुशी का अहसास होता है।
क्यों खतरनाक है नशा - (Why Taking Drugs Is So Harmful)
किसी भी प्रकार का नशा आपके शरीर को नुकसान तो पहुंचाता ही है साथ ही आपको दिमाग में अजीबो-गरीब ख्याल भी उत्पन्न करना शुरू कर देता है। जब आप नशे के आदी हो जाते हैं तो आपको नशे से ही शक्ति मिलती है और नशा छोड़ते ही आपका शरीर निढाल हो जाता है। ड्रग्स के नशे में हालात और भी बुुरे हो जाते है ड्रग्स लेने वाला ड्रग्स की डोज़ को धीरे-धीरे बढ़ाता जाता है क्योंकी उसका शरीर अब ड्रग्स का आदी हो चुका है ऐसे में एक समय ऐसा आता है जब ड्रग्स की डोज को शरीर संभाल नहीं पाता और इंसान की मौत हो सकती है। पर उस लेवल तक पहुंचने से पहले अगर ड्रग्स का आदी व्यक्ति इसे छोड़ने की कोशिश करता है तो उसे डिप्रशन, बाइपोलर, ब्रेन डिसऔर्डर जैसी बिमारियां घेर लेती हैं और कभी - कभी व्यक्ति आत्महत्या भी कर लेता है।
कैसे निकले ड्रग्स और नशे के मायाजाल से- (How To Get Out Of Drugs)
सबसे पहली और सबसे जरूरी बात जो आपको समझनी और अपने आप को समझानी होती है वो ये है की इस दुनिया में कोई भी चीज असंभव नहीं है अगर आप ठान लें तो, आपको अपनी जिंदगी वापिस चाहिए और इसके लिए आपको अब खुद को और अपने परिवार को समय देना होगा।
आपको बदलाव करना होगा, स्थान में, शौक में और अपनी दिनचर्या में, आपको डॉक्टर की सलाह भी लेनी होगी क्योंकी कुछ ड्रग्स के आदीयों को धीरे-धीरे ड्रग्स की लत से बाहर निकाला जाता है वर्ना दिमाग और शरीर पर गलत प्रभाल भी पड़ सकता है और ड्रग्स के आदी की मौत भी हो सकती है।
इसके लिए योग, आयुर्वेद और खेलकूद, नाचगाने का सहारा भी लिया जा सकता है। कोशिश ये करनी है की जब भी ड्रग्स लेने की इच्छा आपके दिमाग में आए तब आप किसी न किसी काम में व्यस्त हों। खाली ना बैठे हों खाली दिमाग तो वैसे भी शैतान का घर होता है।
शुरूआत में सोने में दिक्कत आ सकती है उसके लिए शुरू में आप डॉक्टर द्वारा दि गई दवा ले सकते हैं और ध्यान लगा सकते हैं। अनुलोम-विलोम भी आपकी काफी मदद कर सकता है क्योंकी ड्रग्स का आदी कभी-कभी सांस लेने में दिक्कत की शिकायत करता है तो अनुलोम-विलोम और प्राणायाम आपकी मदद कर सकते है।
अब सबसे बड़ी बात परिवारवालों के लिए ड्रग्स एक समस्या है और आपकी मदद से ही आपके परिवार का सदस्य इससे बाहर आ सकता है। उसे कोसे नहीं , डराएं नहीं , बार-बार उसकी गलती का अहसास ना कराएं। उसके साथ समय बिताएं और कभी भी उसे अकेला ना छोड़ें। परिवार से बड़ा कुछ नहीं होता और शायद शुशांत सिंह राजपूत के परिवार का कोई सदस्य उसके साथ मौजूद होता तो आज इतना बेहतरीन कलाकार हमारे बीच जिंदा होता।
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