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Wednesday, 19 August 2020

सैनिटाइजर से बार-बार हांथ साफ किए तो सेहत से हांथ धोना पड़ सकता है (Side Effects of Hand Sanitizers)


 कोरोना के आगमन के साथ ही जैसे हैंड सैनिटाइजर का बाजार भी गर्म हो गया, कोरोना काल के शुरूआती दौर में अल्कोहॉल वाले सैनिटाइजर का प्रचार जोरों-शोरों से हुआ। पर धीरे-धीरे ये बात सामने आने लगी की जरूरत से ज्यादा इसका इस्तेमाल हमारी सेहत के लिए नुकसान भी पहुंचा सकता है। पहले सैनिटाइजर के बारे में कुछ बांते जान लेते हैं।

सबसे पहली बात हैंड सैनिटाइजर वायरस से हमें बचाने में कितना कारगर है ?

  • - सैनिटाइजर 99% बैक्टीरिया को मार देता है, और कोविड19 के मामले में तो ये 100% कारगर बताया गया है। सैनिटाइजर और साबुन की तुलना करें तो साबुन बैक्टीरिया या वायरस को मारने में ज्यादा बेहतर होता है, क्योंकि साबुन हथेली और उंगलियों के हर पोर में लगाया जा सकता है। फिर पानी से धुलने से हाथ पूरी तरह साफ हो जाता है, लेकिन सैनिटाइजर के साथ ऐसा नहीं है।एक्सर्पट्स की माने तो पोंछा लगाने में हाइपो क्लोराइड से बने डिसइंफेक्ट को इस्तेमाल करना बेहतर होता है। (How effective is hand sanitizers)
  • सैनिटाइजर वायरस को कैसे मारता है ?

    • वायरस एक तरह का प्रोटीन और आरएनए है। ये वैसे तो झाग से भी मर जाता है। इसलिए जैसे ही हम साबुन या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हैं, ये मर जाता है। सैनिटाइजर में 70%  एथेनॉल, आइसो प्रोपेनॉल होता है। इसलिए यह वायरस के प्रोटीन को मार देता है (How does Hand - Sanitizers kill bacteria) (What is in Hand Sanitizers)
    • सैनिटाइजर नकली है या असली कैसे पहचाने ?
  • - कलर देखकर आप नहीं समझ सकते हैं।
  • - अल्कोहॉल यानी शराब की बदबू आनी चाहिए।
  • - सैनिटाइजर मानक एजेंसियों द्वारा सर्टिफाइड है या नहीं।
  • - ध्यान रखें की मिलावटी सैनिटाइजर से वायरस नहीं मरते हैं और संक्रमित होने को खतरा भी बढ़ जाता है। और दिक्कत ये है की आम आदमी और आम दुकानदार भी नकली - असली में फर्क नहीं पता लगा सकता तो जितना हो सके सेनिटाइजर भरोसेमंद मेडिकल स्टोर से ही खरीदें।
  •  - सैनिटाइजर वैसे तो खराब कम ही होते हैं। ज्यादातर सैनिटाइजर की एक्सपायरी डेट तीन साल तक होती है। सैनिटाइजर खरीदते वक्त बस एक बात का ध्यान रखना चाहिए, वह यह है कि इसमें अल्कोहॉल की मात्रा 60% से कम न हो। (How to difference between fake and real hand sanitizers)
  • सैनिटाइजर के इस्तेमाल के दौरान क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

    • - अल्कोहॉल एक जलनशील पदार्थ है और इस का इस्तेमाल करते समय हमें आग से दूर रहना चाहिए।
    • - सैनिटाइजर को हाथ में रगड़ने के तुरंत बार हाथ को मुंह, नाक, आंख को न छुएं, इससे साइड इफेक्ट का खतरा रहता है
    • - कुछ सैनिटाइजर इफेक्टिव होते हैं, लेकिन स्किन को नुकसान पहुंचाते हैं। बाजार में कुछ खुशबू वाले सैनिटाइजर भी आ रहे हैं, लेकिन एथेनॉल बेस्ड सैनिटाइजर ज्यादा बेहतर हैं।

      • सैनिटाइजर का असर कितनी देर तक रहता है ?
      • - सैनिटाइजर से हाथों में मौजूद लगभग सभी बैक्टीरिया और वायरस मर जाते हैं। लेकिन सैनिटाइजर का असर तीन से चार मिनट तक ही रहता है। इसके बाद इसमें मौजूद अल्काहॉल उड़ जाता है।
      • - सैनिटाइजर के इस्तेमाल के बाद जैसे ही आपने दोबारा किसी सतह को छुआ, तो आप फिर बैक्टीरिया या वायरस के संपर्क में आ सकते हैं।

      सैनिटाइजर के इस्तेमाल के बाद क्या आप कुछ खा-पी सकते हैं?

      - सैनिटाइजर लगे हाथ से खाना खाने या पानी पीने से कोई खतरा नहीं रहता है। क्योंकि, यह लगाने के चंद मिनट बाद ही उड़ जाता है। लेकिन, यदि आप दिन में 10 से 20 बार इसका इस्तेमाल करते हैं, तो इससे शरीर को खतरा बढ़ जाता है। ( can we anything after applying hand sanitizer)

      • अब जान लेते हैं हैंड सैनिटाइजर को ज्यादा इस्तेमाल करने के नुकसान- 

      • हाथ होते हैं रूखे - 

      • सैनिटाइजर के  जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल से आपकी त्वचा रूखी हो सकती है। हैंड सैनिटाइजर में मौजूद अल्कोहॉल की वजह से ऐसा होता है। अल्कोहल त्वचा को रूखा बना देता है। बेहतर है कि आप इसका कम इस्तेमाल करें। जितना हो सके हाथों को साबुन और पानी से ही साफ करें। 

         अनाव्शयक इस्तेमाल से पैदा होते हैं हानिकारक बैक्टीरिया-

        रिपोर्ट की माने तो कुछ हैंड सैनिटाइजर में एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं, वो कई बार एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बैक्टीरिया विकसित करने लगते हैं। ये बैक्टीरिया खतरनाक होते हैं। 

      • हांथो की गंदगी साफ नहीं करता सैनिटाइजर - 

      • हमको ऐसा लगता है कि हैंड सैनिटाइजर लगाकर हमने अपने हाथों की गंदगी साफ (How to use hand sanitizer) कर ली है, पर ये धारणा गलत हैं। हैंड सैनिटाइजर से गंदगी साफ नहीं होती और गंदे हाथ होने पर बैक्टीरिया भी नहीं मरते, क्योंकि गंदगी होने से सैनिटाइजर का प्रभाव कम होता है।

      •  इम्यूनिटी पर गलत असर भी पड़ सकता है - 

      • रिपोर्ट्स की माने तो बच्चे अगर हैंड सैनिटाइजर का अधिक इस्तेमाल करेंगे, तो उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है। शोध में शामिल बच्चों की यूरीन में इनफ्लेमेटरी तत्व सी-रिएक्टिव प्रोटीन पाया गया, जो इम्यूनिटी को कमजोर करता है।

      •  क्लोराइड त्वचा के लिए ठीक नहीं -

        हैंड सैनिटाइजर मे बेंजाल्कोनियम नामक क्लोराइड के घटक होते हैं। ये हाथों में छिपे कीटाणुओं को मार तो देते हैं, लेकिन बेंजाल्कोनियम घटक त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे जलन, खुजली, हाथों में रूखापन बढ़ सकता है।

      • देखा जाए तो सैनिटाइजर का इस्तेमाल हमें कोरोना जैसी घातक बिमारी से जरूर बचा सकता है पर इसका इस्तेमाल तब हूी करें जब आपके पास साबुन और पानी मौजूद नहूीं हो।

      • योग, आयुर्वेद और घरेलू उपाए के बारे में अधिक जानने के लिए हमारे युट्यूब चैनल (avyagrayoga) , फेसबुक पेज (avyagrayoga) और इंसटाग्राम पर हमें फोलो करें।

        अस्वीकरण: वेसे तो हमें आयुर्वेदिक दवाओं पर पुरा विश्वास है और भरोसा भी है की इनको अपनाने से आपको फायदा होगा पर कुछ लोग सिर्फ मुश्किल पैदा कर अच्छे कामों में रुकावट डालना पसंद करते हैं तो उनको ये बात बताना जरूरी है की सलाह और बताई गई सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। अव्यग्रयोग इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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