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Friday, 21 August 2020

हिन्दू संस्कृति में क्यों, अमृत माना गया है गिलोय - (Why Giloy Is So Important For Us)


हमारी संस्कृति में पेड़-पौधों अथवा पशु-पक्षियों को भगवान के समकक्ष रखा गाया है और भगवान की ही तरह हम प्रकृति की भी पुजा करते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि प्रकृति ही हमें हर बिमारी और विपदा से बचाती है पहले जो लोग इन बातों को धकियानूसी मान कर विदेशी संस्कृति को अपनाने लगे थे अब वो भी इन बातों को समझने लगे हैं और ग्लोबल - वार्मिंग के बढ़ते ही अब विदेशी विद्वानों को भी प्रकृति की याद आने लगी है  जहां तक बात की जाए गिलोय की तो गिलोय का औषधियों में एक अलग ही स्थान है। (History of Giloy, What is Giloy?)

मान्यता है कि ,जब देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के समय जब अमृत निकला और इस अमृत की बूंदें जहां-जहां छलकीं, वहां-वहां गिलोय की उत्पत्ति हुई।

गिलोय का वानस्पिक नाम टीनोस्पोरा कॉर्डीफोलिया (tinospora cordifolia) है। इसके पत्ते दिखने में पान के पत्ते जैसे दिखाई देते हैं और ऐसा माना जाता है की जिस पौधे पर ये वास करने लगती है, उसे मरने नहीं देती। आपको सेहतमंद रखने के लिए आयुर्वेद में अन्नत लाभ बताए गए हैं, आज आपको ऐसे ही गिलोय के कुछ लाभ के बारे में बताते हैं…(Benefits of Giloy, Giloy benefits, Ayurveda medicine giloy)


खूबसूरती बरकरार रखती है गिलोय- (Giloy for Beauty)

गिलोय में एंटी एजिंग गुण होते हैं, जिसकी मदद से चेहरे से काले धब्बे, मुंहासे, बारीक लकीरें और झुर्रियां दूर की जा सकती हैं। बालों में ड्रेंडफ, बाल झडऩे या सिर की त्वचा की अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं तो गिलोय के सेवन से आपकी ये समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।  इसके सेवन से आप निखरी और दमकती त्वचा पा सकते हैं, अगर आप इसे त्वचा पर लगाते हैं तो घाव बहुत जल्दी भरते हैं। त्वचा पर लगाने के लिए गिलोय की पत्तियों को पीस कर पेस्ट बनाएं। अब एक बरतन में थोड़ा सा नीम या अरंडी का तेल उबालें। गर्म तेल में पत्तियों का पेस्ट मिलाएं। ठंडा करके घाव पर लगाएं। 


रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है गिलोय - (Giloy For Immunity)

बिमारियों को दूर रखने के लिए आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ीया होना चाहिए, गिलोय एक ऐसी बेल है, जो व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं। ये खून को साफ करती है, बैक्टीरिया से लड़ती है। लिवर और किडनी की अच्छी देखभाल भी गिलोय के बहुत सारे कामों में से एक है। 

बुखार में कारगर है गिलोय-  (Giloy For Fever)

बार-बार बुखार आने की अवस्था में गिलोय का सेवन करना चाहिए। गिलोय हर तरह के बुखार से लडऩे में मदद करती है। इसलिए डेंगू के मरीजों को भी गिलोय के सेवन की सलाह दी जाती है। डेंगू के अलावा मलेरिया, स्वाइन फ्लू में आने वाले बुखार से भी गिलोय छुटकारा दिलाती है।

डायबिटीज के रोगियों के लिए अच्छा है गिलोय का सेवन - (Giloy For Diabetes)

गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट है यानी यह खून में शर्करा की मात्रा को कम करती है। इसलिए इसके सेवन से खून में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है, जिसका फायदा टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को होता है।

आपकी पाचन शक्ति बढ़ाती है गिलोय - (Giloy For Digestion)

गिलोय आपके पाचन तंत्र के सारे कामों को भली-भांति संचालित करती है और भोजन के पचने की प्रक्रिया में मदद कती है। इससे व्यक्ति कब्ज और पेट की दूसरी गड़बडिय़ों से बचा रहता है।

चिंता यानी स्ट्रेस को भी कम कर सकती है गिलोय-  (Giloy For Stress)

शहर की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लगभग हर इंसान किसी न किसी रोग से पिड़ीत है ऐसे में तनाव या स्ट्रेस भी एक बड़ी समस्या बन चुका है। गिलोय एडप्टोजन की तरह काम करती है और मानसिक तनाव और चिंता (एंजायटी) के स्तर को कम करती है। इसकी मदद से न केवल याददाश्त बेहतर होती है बल्कि मस्तिष्क की कार्यप्रणाली भी दुरूस्त रहती है और एकाग्रता बढ़ती है।

आंखों की रोशनी के लिए भी बढ़ीया है गिलोय- (Giloy For Eyes)

देव और दानवों के मंथन से उत्पन्न इस बेल को पलकों के ऊपर लगाने पर आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके लिए आपको गिलोय पाउडर को पानी में गर्म करना होगा। जब पानी अच्छी तरह से  ठंडा हो जाए तो इसे पलकों के ऊपर लगाएं।

अस्थमा के रोगियों के लिए भी है बेहद फायदेमंद - (Giloy For Asthma) 

बदलते मौसम के साथ ही अस्थमा को मरीजों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को नियमित रूप से गिलोय की मोटी डंडी चबानी चाहिए या उसका जूस पीना चाहिए। इससे उन्हें काफी आराम मिलेगा।

गठिया में चमत्कार कर सकती है गिलोय - (Giloy for Arthritis) 

दर्द का दूसरा नाम है गठिया यानी आर्थराइटिस, ये बिमारी तो कुछ लोगों का चलना-फिरना तक मुशकिल कर देती है। गिलोय में एंटी आर्थराइटिक गुण होते हैं, जिसकी वजह से यह जोड़ों के दर्द सहित इसके कई लक्षणों में फायदा पहुंचाती है।

एनीमिया है तो शुरू कर दिजिए गिलोय का सेवन- ( Giloy for Anemia)

खुन की कमी अब एक आम समस्या बन चुकी है और महिलाएं में एनीमिया यानी खून की कमी से ज्यादा परेशना रहती है इससे उन्हें हर वक्त थकान और कमजोरी महसूस होती है। गिलोय के सेवन से शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की संख्या बढ़ जाती है और एनीमिया से छुटकारा मिलता है।

पेट की चर्बी घटा देती है गिलोय - ( Giloy For Fat Lose)

अगर आपका पेट ठीक तो सब ठीक और गिलोय शरीर के उपापचय (मेटाबॉलिजम) को ठीक करती है, सूजन कम करती है और पाचन शक्ति बढ़ाती है। ऐसा होने से पेट के आस-पास चर्बी जमा नहीं हो पाती और आपका वजन कम होता है।

गिलोय का प्रयोग ऐसे करें: ( How To Take Giloy )

गिलोय जूस - गिलोय की डंडियों को छील लें और इसमें पानी मिलाकर मिक्सी में अच्छी तरह पीस लें। छान कर सुबह-सुबह खाली पेट पीएं। अलग-अलग ब्रांड का गिलोय जूस भी बाजार में उपलब्ध है।

काढ़ा - चार इंच लंबी गिलोय की डंडी को छोटा-छोटा काट लें। इन्हें कूट कर एक कप पानी में उबाल लें। पानी आधा होने पर इसे छान कर पीएं। अधिक फायदे के लिए आप इसमें लौंग, अदरक, तुलसी भी डाल सकते हैं।

पाउडर - वैसे तो गिलोय का पाउडर बाजार में मिलता है। पर आप चाहें तो इसे घर पर भी बना सकते हैं। इसके लिए गिलोय की डंडियों को धूप में अच्छी तरह से सुखा लें। सूख जाने पर मिक्सी में पीस कर पाउडर बनाकर रख लें।

गिलोय वटी - बाजार में गिलोय की गोलियां यानी टेबलेट्स भी आती हैं। अगर आपके घर पर या आस-पास ताजा गिलोय उपलब्ध नहीं है तो आप इनका सेवन करें।

साइड इफेक्ट्स का रखें ध्यान  - (Giloy Side Effects) 

जरूरत से ज्यादा किसी भी चीज का सेवन सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है तो नियमित मात्रा में ही गिलोय का सेवन करना चाहिए और वैसे तो गिलोय को नियमित रूप से इस्तेमाल करने के कोई गंभीर दुष्परिणाम अभी तक सामने नहीं आए हैं लेकिन चूंकि यह खून में शर्करा की मात्रा कम करती है। इसलिए इस बात पर नजर रखें कि ब्लड शुगर जरूरत से ज्यादा कम न हो जाए।गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए।पांच साल से छोटे बच्चों को गिलोय न दे।

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